---Advertisement---

राजस्व अधिकारियों पर हो रही अनुचित कार्यवाहियों के विरोध में संघ ने जताया आक्रोश, संजय राठौर के निलंबन को बताया अन्यायपूर्ण

Avatar photo

By Md Aman Ali

Published on:

Follow Us
---Advertisement---

छत्तीसगढ़ के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार वर्तमान में अत्यंत सीमित संसाधनों, स्टाफ की भारी कमी और तकनीकी सहयोग के अभाव में राजस्व प्रशासन का समस्त कार्यभार उठाने को बाध्य हैं। ई-कोर्ट, भुइयां, एग्रोस्टेक पोर्टल, निर्वाचन कार्य, प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया, जनदर्शन, टीएल तथा अन्य पोर्टलों के माध्यम से सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं — जिनके लिए पर्याप्त कंप्यूटर ऑपरेटर, वाचक, तकनीकी स्टाफ और बुनियादी संसाधन तक तहसीलों में उपलब्ध नहीं हैं।

इन प्रतिकूल परिस्थितियों में अधिकारी स्वयं के संसाधनों से कार्य करते हुए भी जब किसी शिकायत या पोर्टल आवेदन के आधार पर बिना पूर्व सूचना एवं सुनवाई के निलंबन जैसी कठोर कार्यवाही का सामना कर रहे हैं, तो यह प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।हाल ही में सूरजपुर जिले के तहसीलदार श्री संजय राठौर के विरुद्ध बिना समुचित सुनवाई के की गई निलंबन कार्यवाही इसी शृंखला का एक चिंताजनक उदाहरण है।

संघ ने स्पष्ट किया है कि तहसीलदार / नायब तहसीलदार राजस्व न्यायालय में पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं, जिनके आदेशों के विरुद्ध अपील व पुनरीक्षण जैसे वैधानिक उपाय उपलब्ध हैं। ऐसे में न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम की भावना को दरकिनार कर सीधे निलंबन करना न्याय और प्रक्रिया दोनों का उल्लंघन है।

संघ के प्रमुख मांग

संजय राठौर जी को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।पूर्व में निलंबित अन्य अधिकारियों की न्यायसंगत समीक्षा कर बहाली की जाए।प्रत्येक तहसील को न्यूनतम आवश्यक संसाधन (तकनीकी स्टाफ, वाहन, ऑपरेटर) तत्काल उपलब्ध कराए जाएं।

    संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिवस के भीतर कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलनात्मक रणनीति पर विचार किया जाएगा।


    Avatar photo

    Md Aman Ali

    Md Aman Ali Owner/Editor (CG Press 24) Dharamjaigarh, Raigarh (C.G.)

    ---Advertisement---

    Leave a Comment